24 घंटे की AI ब्रीफिंग · 29 नवंबर 2025: Windows 11 में बड़ी खराबी, Tesla ने Robotaxi बढ़ाया, Apple ने भारत के नए कानून को चुनौती दी

पिछले 24 घंटों में तकनीक और AI जगत में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ सामने आईं—ऑपरेटिंग सिस्टम की स्थिरता, स्वायत्त वाहन विस्तार, और अंतरराष्ट्रीय नियामक संघर्ष एक साथ सुर्खियों में रहे। Windows 11 की बड़े पैमाने पर विफलता, Tesla के Robotaxi विस्तार, और भारत के नए प्रतिस्पर्धा कानून को लेकर Apple की कानूनी चुनौती यह दिखाती है कि नवाचार और नीति अब पहले से अधिक टकरा रहे हैं।


1. Windows 11 (24H2/25H2) में बड़े पैमाने पर क्रैश; Microsoft ने GPT-5.1 और नई Labs फीचर को आगे बढ़ाया

टिप्पणी: Windows 11 के 24H2 और 25H2 संस्करणों में व्यापक क्रैश फिर से यह दर्शाते हैं कि Microsoft की OS गुणवत्ता नियंत्रण में संरचनात्मक समस्याएँ मौजूद हैं। खासकर उस समय जब कंपनी लगातार Copilot और कई AI सेवाओं को सिस्टम में जोड़ रही है, स्थिरता सबसे कमजोर कड़ी बनती जा रही है।
GPT-5.1 और Labs फीचर को Windows 11 में धकेलने का उद्देश्य स्पष्ट है—OS अनुभव को AI-केंद्रित बनाना। लेकिन सवाल वही है: यह उपयोगकर्ता की ज़रूरत है, या Microsoft की इच्छा?
AI कितना भी महत्वपूर्ण हो, ऑपरेटिंग सिस्टम की विश्वसनीयता इसकी कीमत नहीं होनी चाहिए।


2. Tesla ऑस्टिन में Robotaxi बेड़े को 30 से बढ़ाकर 60 वाहनों तक ले जाएगी

टिप्पणी: 30 से 60 का विस्तार छोटा लग सकता है, लेकिन संदेश कहीं बड़ा है—Tesla “छोटे पैमाने के तकनीकी डेमो” से “वास्तविक परिचालन सत्यापन” के चरण में प्रवेश कर रही है।
हालाँकि Tesla का बेड़ा Waymo या Cruise जितना बड़ा नहीं है, फिर भी यह कदम तकनीकी परिपक्वता, नियामक प्रगति और व्यावसायीकरण के नए चरण का संकेत है।
लेकिन FSD की सुरक्षा पारदर्शिता और नियामक चर्चाएँ अभी भी Tesla के लिए उत्तरी अमेरिका में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।


3. Apple भारत के नए प्रतिस्पर्धा कानून को चुनौती दे रहा है: दंड वैश्विक राजस्व के आधार पर लगाया जा सकता है

टिप्पणी: भारत द्वारा दंड गणना को “स्थानीय राजस्व” से बढ़ाकर “वैश्विक कुल राजस्व” पर आधारित करना बहुराष्ट्रीय टेक कंपनियों के लिए अत्यंत प्रभावशाली कदम है।
संशोधित कानून Competition Commission of India (CCI) को यह अधिकार देता है कि यदि किसी कंपनी को बाज़ार प्रभुत्व के दुरुपयोग का दोषी पाया जाता है, तो उसके वैश्विक राजस्व का 10% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसका अर्थ है कि स्थानीय बाज़ार में किए गए व्यवहार के लिए वैश्विक लाभ से दंड चुकाना—एक सिद्धांत जिसे Apple असंगत और अंतरराष्ट्रीय विधिक मानकों के विपरीत मानता है।
Apple जांच से नहीं बच रहा—वह दंड की पूरी तार्किक नींव पर सवाल उठा रहा है।
यदि यह नियम सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर लागू होता है, तो कितनी कंपनियाँ भारत में निवेश जारी रखना चाहेंगी? क्या यह कानून न्यायसंगत है?


पिछले 72 घंटों की प्रमुख AI रिपोर्ट

(लिंक हिंदी साइट के अनुसार अद्यतन किए गए हैं)


निष्कर्ष

आज की घटनाएँ दिखाती हैं कि AI, सिस्टम स्थिरता, स्वायत्त वाहन विस्तार और वैश्विक नियामक ढांचे अब एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। टेक कंपनियाँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं, लेकिन नवाचार, भरोसा और नीति के बीच की दूरी भी तेजी से बदल रही है।
वैश्विक AI परिदृश्य को समझने के लिए IAISeek के दैनिक अपडेट का अनुसरण करते रहें।

लेखक: IAISEEK AI Newsroomनिर्माण समय: 2025-11-29 05:42:38
और पढ़ें